
दमोह. जिले के हटा ब्लॉक में एक सनसनी खेज मामला सामने आया है. यहां पर गांव का नाम बदलकर इस्लामपुरा रख दिया गया है. बोर्ड पर रंग पेंट से ईद मुबारक और इस्लाम के चिन्ह बनाए गए हैं. जिसके बाद विश्व हिंदू परिषद ने मामले में आपत्ति दर्ज कराई है.
जिले के हटा ब्लॉक में स्थित खमरिया गांव अब इस्लामपुरा बन चुका है. शासकीय दस्तावेजों में इस्लामपुरा शब्द का कहीं भी उल्लेख नहीं है. लेकिन उसके बाद भी इस गांव का नाम इस्लामपुरा रख दिया गया है. इस्लामपुरा नाम की उत्पत्ति कैसे हुई इसकी भी जानकारी अभी सामने नहीं आई है. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि न केवल गांव का नाम बदल गया बल्कि यहां के स्कूल में रंग पेंट से ईद मुबारक और इस्लाम के चिन्ह बनाए गए हैं. जिसको लेकर अब विश्व हिंदू परिषद एवं हिंदू संगठनों ने आपत्ति दर्ज कराई है. मामला संज्ञान में आने के बाद स्कूल के प्रधान अध्यापक चरण दास पटेल ने कहा कि इस पर अभी तक उनका ध्यान नहीं गया. यदि किसी को आपत्ति है तो वह दीवारों पर पेंट करा देंगे. लेकिन बात पेंट करने तक सीमित नहीं है, इसकी उत्पत्ति कहां और कैसे हुई यह गंभीर जांच का विषय है. वह भी ऐसे में जब किसी शासकीय स्कूल में इस तरह की हरकत देखने को मिले.

विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हटा विधानसभा क्षेत्र के नेता बबलू राय ने बताया कि वर्ष 2008 में अठ्या परिवार द्वारा स्कूल के लिए यह जमीन दान की गई थी. उस समय किसी भी पेपर में इस तरह का उल्लेख नहीं था कि स्कूल में ईद मुबारक या इस्लाम की चिन्ह बनाए जाएंगे. किसी के आधार कार्ड पर भी उस समय गांव में इस्लामपुरा शब्द नहीं लिखा था. सभी की वोटर आईडी और आधार कार्ड में गांव का नाम खमरिया ही लिखा हुआ है. गांव में कोई स्कूल नहीं था जिससे बच्चों को अध्ययन के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता था. इसी समस्या को देखते हुए अठ्या परिवार ने सरकार को यह जमीन स्कूल बनाने के लिए दान में दी थी.
स्कूल की दीवार पर बड़े-बड़े शब्दों शब्दों में शासकीय नवीन प्राथमिक शाला इस्लामपुर खमरिया लिखा हुआ है. जबकि अंदर की दीवारों पर ऑयल पेंट से जन, मन, गण, वंदे मातरम तथा कई अन्य प्रार्थना लिखी हैं साथ ही ईद मुबारक शब्द लिखा है. जबकि स्कूल की सीलिंग में ग्लिटर पेपर और कलर से इस्लाम के चिन्ह बनाए गए हैं. मामला सामने आने के बाद हिंदू संगठनों ने सोशल मीडिया ग्रुप पर भी इस मामले का खुलासा कर कार्रवाई की मांग की है.
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